जीव कापरा कापरा |
वेळ कातर कातर |
सांज पहाटेच्या मधे |
एका रात्रीचे अंतर |
धेनू हंबरती कशा |
गूढ गंभीर गंभीर |
घरट्यात परतली |
सारी पाखरे अधीर |
असा सूर्य वितळला |
क्षितीजाच्या रेषेवर |
लाटा लालबुंद मंद |
सागराचा नीर तीर |
तम दाटे दाहिदिशा |
त्यासी चंद्राचा आधार |
चंद्रकोरीने पेलला |
गर्द अंधार अंधार |
सांजवेळी वृंदावन |
उजळले देवघर |
चराचरी तो भरुनी |
आला चैतन्याचा पूर |
अनुराधा म्हापणकर |
Tuesday, October 1, 2013
कातरवेळ
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