| थेंब अश्रुंचे गालावरती पुसायाचे राहून गेले.. |
| लपविलेले दु:ख माझे चार चेहरे पाहून गेले.. |
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| सांगितले बरेच काही..आनंदाश्रु अन काही बाही.. |
| अर्थ सुकल्या आसवाचा, परी लावायचा तो लावून गेले.. |
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| लपविलेले दु:ख माझे चार चेहरे पाहून गेले.. |
| पुसले डोळे, हसून खोटे, चाचपले मी किती मुखवटे |
| मुखवट्याला चेहर्यावरती परी चढवायचे राहून गेले |
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| लपविलेले दु:ख माझे चार चेहरे पाहून गेले.. |
| हसून आता, विसरून सारे, वावरते जणू उनाड वारे |
| हसता हसता भरले डोळे, पापणीतूनी अश्रू वाहून गेले |
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| लपविलेले दु:ख माझे चार चेहरे पाहून गेले.. |
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| थेंब अश्रुंचे गालावरती पुसायाचे राहून गेले.. |
| लपविलेले दु:ख माझे चार चेहरे पाहून गेले.. |
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सौ. अनुराधा म्हापणकर
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